*शाम ढ़लते ही वैश्यालय में तब्दील हो जाता है रजिस्ट्री कोर्ट*
राजेश सिन्हा
खगड़िया: दिन की उजाले में भले ही खगड़िया का रजिस्ट्री कोर्ट निबंधन कोर्ट के रुप में नजर आता हो,लेकिन अंधेरा होते ही यह निबंधन कार्यालय वैश्यालय बन जाता है।चूंकि कोर्ट परिसर दीवारों से चारों तरफ से घिरा है और शाम होते-होते दोनों द्वारा ताला लटका जाता है।इसलिए किसी पुलिस पदाधिकारी की नजर इस ओर नहीं पड़ती है।इसलिए यहां चकला घर तो चलता ही है, शाम होते-होते शराबियों,जुआड़ियों,स्मैकियों और अन्य तरह के अनैतिक कार्य करने वालों का अड्डा जम जाता है।बार-बार मिल रही शिकायत के बाद जब यह संवाददाता तस्दीक करने पहुंचा,तो पहले हड़कंप मच गया और फिर कहना शुरु कर दिया गया,कि जिसको जो बिगाड़ना हो,बिगाड़ लें। मेरा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता है।नीचे से उपर तक सबका कमीशन बंधा है।पदाधिकारी से लेकर पत्रकारों को भी बंधी बंधाई रकम दी जाती है।दलाल किस्म के लोग यह भी कहने लगे कि ज्यादा रंग दिखाईएगा तो आपका कैमरा भी जब्त कर लिया जाएगा। जब यह अपनी ताकत का इजहार किया,तो कुछ अमन पसंद (कातिब)कोर्ट के मुंशी ने यह कहकर सभी को समझाया कि यह वर्षों पुराने क्राइम रिपोर्टर हैं, अब तो पूरा भेद खुलना ही है।उसके बाद तो सबकी घिघ्घी बंद हो गई।