पटना /आशीष कुमार
मिशन 2020 के लिए तेजस्वी यादव अपनी पार्टी की छवि सुधारने में लगे हैं। यही कारण है कि विपक्ष के विरोध को दबाने के लिए बाहुबली और सजायाफ्ता को संगठन से दूर रखा गया है। पार्टी की छवि सुधारने के लिए तेजस्वी की पहल पर आलाकमान ने यह बड़ा फैसला लिया है।
राष्ट्रीय जनता दल की नई कार्यकारिणी में लालू प्रसाद यादव से खास रहे शहाबुद्दीन को जगह नहीं मिली है। हालांकि उनकी पत्नी हिना शहाब को पार्टी ने संगठन में शामिल किया है। इस बड़े उलटफेर के पीछे तेजस्वी यादव की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। राजद को अपनी छवि सुधारने के साथ मुस्लिम वोट बैंक की भी चिंता सता रही है। यही कारण हो सकता है कि शहाबुद्दीन की जगह उनकी पत्नी हिना शहाब को पार्टी में जगह दिया गया है। बता दे कि सिवान और उसके आसपास को जिले में मुस्लिम वोट बैंक पर शहाबुद्दीन की अच्छी खासी पकड़ है। बिहार में राजद अब तक लालू प्रसाद यादव की अगुवाई में चुनाव लड़ती आ रही है लेकिन इस बार लालू सियासत के परिदृश्य से बाहर हैं।
बाहुबली नेताओं में शुमार शहाबुद्दीन सिवान सीट से 4 बार सांसद रह चुके हैं। आरजेडी ने अपनी छवि सुधारने के लिए पहले राजद विधायक राजबल्लभ यादव समेत कुछ दागी नेताओं को भी पार्टी से बाहर कर चुकी है। छात्र राजनीति से सियासत में प्रवेश करने वाले सहाबुद्दीन को राजद के मुस्लिम चेहरे के रूप में पहचाना जाता रहा है। शहाबुद्दीन पर पूर्व में हत्या, रंगदारी, अपहरण, लूट समेत तमाम संगीन अपराधों में शामिल होने का आरोप लगता रहा है। वहीं कई अपराधिक मामलों में शहाबुद्दीन को कोर्ट से सजा भी मिल चुकी है।
बहरहाल राजद ने तो दागी नेताओं को पार्टी के संगठन में जगह नहीं दे कर तुरुप का पत्ता तो खेला ही है लेकिन यह वक्त बताएगा की बाहुबलियों को संगठन से हटाकर वह कितना कामयाब हो पाते हैं।