पटना/ आशीष कुमार
जैसा कि सबको पता है इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव अक्टूबर नवंबर महीने में होनी है। इसके चलते सभी पार्टियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सभी पार्टियां अपने संगठन को मजबूत करने के लिए जी जान से जुट गई है। 1 मार्च को जदयू का कार्यकर्ता सम्मेलन में भीड़ नहीं जुटने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खासे नाराज बताए जा रहे हैं। वहीं पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि जेडीयू ने काफी दिनों पहले से ही संगठनात्मक मजबूती का काम शुरू कर दिया है जो अब जमीनी स्तर पर दिखाई दे रहा है। मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने भी इस चुनावी साल में संगठन को मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है। राष्ट्रीय जनता दल ने जहां सवर्ण समाज से आने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह को बिहार इकाई का अध्यक्ष बनाकर सवर्ण मतदाताओं को आकर्षित करने को बड़ा दांवपेच खेला है। वहीं जिला में भी संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। आरजेडी 14- 15 मार्च को राजगीर में कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने का मंत्र देने वाली है। वहीं माकपा ने 1 से 3 मार्च के बीच राजगीर में कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाकर युवा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी कर चुकी है। वहीं कांग्रेस ने भी संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में जी जान से जुट गई है। कांग्रेस प्रमंडल बार बैठक कर संगठन को मजबूत करने में जुटी हुई है। कांग्रेस के संगठन में युवाओं की भी अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस के पुराने नेता जो पार्टी कार्यों में रुचि नहीं लेते हैं और सक्रिय नहीं हैं उन्हें भी सक्रिय करने पर जोर दिया जा रहा है। पार्टियों से सीधा संपर्क कर पार्टी की भावी रणनीति से अवगत करा संगठन को मजबूत बनाने की योजना पर काम कर रही है। वही सत्ता पक्ष के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के नाम से बिहार की गलियों का खाक छान संगठन को मजबूत करने में जी-जान से जुटे हुए हैं।
इधर भाजपा ने भी पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बिहार दौरे के बाद संगठन को मजबूत करने में जुटी हुई है। जेपी नड्डा ने फरवरी महीने के अंतिम सप्ताह में पटना की यात्रा कर चुनावी तैयारी का आगाज भी कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने बूथ जीतो चुनाव जीतो के नारे के साथ आगे बढ़ने की रणनीति तैयार की है। भाजपा के एक शीर्ष नेता ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है। भाजपा के कार्यकर्ता गांव-गांव तक फैले हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन समर्पित कार्यकर्ताओं की बदौलत लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को संगठनात्मक मजबूती का फायदा मिलना तय है।