इंडिया न्यूज नाऊ/मोतिहारी/मधुरेश ।
अपने जमाने में सीपीआई के कद्दावर नेता रहे पूर्व सांसद कमला मिश्र मधुकर की सुपुत्री शालिनी मिश्रा ने आज भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सीपीआई के जिला सचिव कॉ.रामवचन तिवारी को भेजे त्यागपत्र में श्रीमति मिश्रा ने पार्टी के जिला एवं प्रदेश नेतृत्व पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अपने त्यागपत्र में उन्होंने लिखा है कि पिछले दस वर्षो से वे लगातार पार्टी संगठन की मजबूती के लिए कार्य किया है। लेकिन, पार्टी नेतृत्व ने कभी भी उनके कार्यों का मूल्यांकन नहीं किया बल्कि उल्टे समय-समय पर उन्हें अपमानित करने का काम किया है। उन्होंने पार्टी से राज्य मंत्री के साथ ही जिला सचिव पर सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया।
*पूर्व सांसद स्व. मधुकर की छवि को धूमिल कर रही थी पार्टी……*
उन्होंने केसरिया और मोतिहारी से चार-चार बार सांसद रहे अपने पिता स्व.कमला मिश्र मधुकर की कृतियों एवं उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को गौण करने का भी आरोप सीपीआई के जिला एवं प्रदेश नेतृत्व पर लगाया। श्रीमति मिश्रा ने आगे लिखा है कि मेरे पिताजी चंपारण के लोकप्रिय जननेता थे। सीपीआई के कुछेक वरीय नेताओं ने उनकी छवि को धूमिल करने की लगातार कोशिश की। लेकिन, जनता के दिल और दिमाग में बसे जननेता स्व.मधुकर की लोकप्रियता आज उनके जीवित नहीं रहने के बावजूद बरकरार है। पूर्व सांसद की पुत्री ने पार्टी से त्यागपत्र को लेकर जिला सचिव को लिखे पत्र में आश्चर्य व्यक्त करते हुए लिखा है कि सीपीआई ने चंपारण और बिहार में पार्टी संगठन की मजबूती के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले अपने चार-चार बार के सांसद कमला मिश्र मधुकर को आखिर कैसे भूला दिया। उन्होंने यह भी लिखा है कि सीपीआई में वे अपने आपको छला हुआ महसूस कर रही थी। श्रीमति मिश्रा ने आरोप लगाया है कि सीपीआई में महिलाओं, नौजवानों एवं दबे-कुचले लोगों की बात सुनने वाला अब कोई नेता नहीं है। पार्टी में अब आंतरिक लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं रही। कुछ खास नेताओं पर कार्यालय में बैठकर पार्टी चलाने का आरोप उन्होंने लगाया। शालिनी मिश्रा के मुताबिक जरूरतमंद गरीब जनता के हक और अधिकारों के लिए संघर्ष करना मेरे पिताजी और मधुकर परिवार का एकमात्र उद्देश्य रहा है। आजकल सीपीआई संगठन के अंदर जो हालात पैदा हो गये हैं, वैसी परिस्थिति में लाल झंडा के बैनरतले काम करने में घुटन महसूस हो रही है। उन्होंने लिखा है कि इन परिस्थितियों में सीपीआई में काम करना मुश्किल है। इसलिए आज पार्टी से त्यागपत्र दे रही हुं। आगामी योजना के बारे में पुछे जाने पर पूर्व सांसद की पुत्री ने बताया कि बहुत जल्द ही अपने समर्थकों से विचार-विमर्श कर अगली रणनीति की घोषणा करुंगी।
*जदयू में शामिल होने की संभावना…..*
आपको बता दें कि पूर्व सांसद स्व.मधुकर की आदमकद प्रतिमा का अनावरण पिछले वर्ष 13 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव केसरिया विधानसभा क्षेत्र के मदन सिरसिया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। उस दौरान मौके पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी भी उपस्थित हुए थे। मुख्यमंत्री के आगमन के बाद से यह कयास लगाया जा रहा था कि पूर्व सांसद की पुत्री शालिनी मिश्रा अब सीपीआई को छोड़ जदयू में शामिल होंगी। खैर, उन्होंने सीपीआई से तो त्यागपत्र दे दिया है। अब देखना यह है कि उनका नया राजनैतिक ठिकाना कौन सा दल होता है।