आईएनएन/ पटना/ आशीष कुमार
बिहार के विधानसभा चुनाव के लिए हर पार्टी एक्टिव हो गई है। सभी पार्टियां अलग-अलग तरह की राज्यव्यापी यात्राओं के दम पर माहौल बनाने की तैयारी कर रही है।
जैसा कि सबको पता है कि बिहार विधानसभा का चुनाव इस वर्ष के अंत में होने जा रहा है। इसके लिए सभी पार्टियों ने तैयारियां भी शुरू कर दी है। अभी कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली यात्रा निकाली। इस यात्रा के दौरान नीतीश कुमार लगभग हर जिले में गए और लोगों की समस्याओं को समझने की कोशिश की। सूवे के मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की अगुवाई कर रहे तेजस्वी यादव प्रदेश भर में बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर भी निकल रहे हैं। इसके अलावा चिराग पासवान के नेतृत्व में लोक जनशक्ति पार्टी ने बिहार फर्स्ट,, बिहारी फर्स्ट यात्रा की शुरुआत कर दी है। वही वामपंथियों की नई उम्मीद कहे जाने वाले कन्हैया कुमार प्रदेश भर में एनआरसी सीएए के खिलाफ जन गण मन यात्रा में लीन हैं। बात करते हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की, बिहार में उनकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी ने पहले से ही कह दिया है कि विधानसभा का चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा और वही मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे। इधर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव भी काफी आक्रामक मूड में है। बेरोजगारी के मुद्दे पर बिहार की नीतीश सरकार को घेरने के लिए तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी हटाओ यात्रा शुरू कर दी है। उनकी यात्रा राज्य के हर जिले में जाएगी। चुनाव से पहले तेजस्वी यादव अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जागृत करने और युवाओं को अपनी ओर करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। बिहार में एनडीए गठबंधन की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी इस बार युवा अध्यक्ष चिराग पासवान के नेतृत्व में चुनाव में उतरेगी। पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए एलजेपी ने बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट यात्रा की शुरुआत आज से कर दी है। सजी-धजी बस पर सवार होकर चिराग पासवान ने यात्रा शुरू की है।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिहार को नंबर वन बनाने के लिए यह यात्रा बहुत जरूरी है। या यात्रा 21 मार्च से 14 फरवरी तक चलेगी।
वही जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और वामपंथियों की नई उम्मीद कहे जाने वाले नेता कन्हैया कुमार इन दिनों बिहार के हर जिले में जा रहे हैं। कन्हैया कुमार सीएए, एन आर सी के विरोध में जन-गण-मन यात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा के दौरान उन पर लगभग 10 बार भी हमला हो चुका है। कन्हैया कुमार सीएए, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के साथ-साथ बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठाकर बिहार में भी अपनी पकड़ बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।