आशीष कुमार, इंडिया न्यूज़ नाउ।
पटना । राजधानी पटना के छज्जू बाग स्थित भाकपा माले के प्रदेश कार्यालय में आज वामपंथियों ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन की। इस सम्मेलन को भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल, सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार, सीपीआई के विजय नारायण मिश्र, भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा, और सीपीएम के गणेश शंकर सिंह ने संबोधित किया। वामपंथियों ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को पूरे राज्य में पांचो वामपंथियों ने मिलकर मानव श्रृंखला का आयोजन करने की घोषणा की। संवाददाता सम्मेलन में वामपंथियों ने कहा कि नीतीश कुमार यदि एनआरसी के खिलाफ हैं तो वे एनपीआर पर क्यों चुप्पी साधे हुए हैं। बाजपेयी सरकार द्वारा पारित 2003 के कानून के हिसाब से यूपीए सरकार ने एनपीआर बनवाई थी यह उसकी गलती थी। लेकिन उसके बाद उसने न तो एनआरसी बनाया और ना ही संप्रदायिक मन से भरा कोई नागरिक संशोधन कानून पास करवाया। यह कानून भाजपा की सरकार कर रही है। वामपंथियों ने महात्मा गांधी की शहादत दिवस 30 जनवरी को हर जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय सत्याग्रह का आयोजन करने की घोषणा की और इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए बिहार की जनता से अपील की। वामपंथियों ने केरल की तर्ज पर बिहार विधानसभा से सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की मांग की। नेताओं ने कहा आज पूरे बिहार में जल जीवन हरियाली योजना के नाम पर नीतीश कुमार दरअसल गरीब गुजारो अभियान चला रहे हैं। आहर, पोखर नहर इत्यादि की जमीन पर बसे गरीबों को हटाने की नोटिस थमा दी गई है। हर कोई जानता है इस तरह की जमीन पर वास्तव में भू स्वामियों और दबंगों का कब्जा है। इन दबंगों पर तो सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है लेकिन गरीबों को निशाना बना रही है। पूर्वी चंपारण से लेकर राज्य के दूसरे हिस्सों में भी गरीबों पर कहर ढाया जा रहा है। जल जीवन हरियाली के नाम पर 19 जनवरी को आयोजित मानव श्रृंखला को वामपंथियों ने बहिष्कार करने का आह्वान किया।