इंट्रो । हड़ताल की सफलता के लिए ट्रेड यूनियनों ने निकाला मशाल जुलूस।
विवेक मुस्कान, इंडिया न्यूज नाउ।
दरभंगा “7 जनवरी 2020”
8 जनवरी को मजदूर व किसान संगठनों के आह्वान पर मोदी सरकार की विभाजनकारी नीति एनसीआर-सीएए-एनपीआर को वापस लेने, मंदी, महंगाई, बेरोजगारी, सार्वजनिक इकाइयों के निजीकरण के खिलाफ आयोजित आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए ट्रेड यूनियनों ने आज दरभंगा के कर्पूरी चौक से मशाल जुलूस निकाल कर आम ग्रामीण-शहरी मजदूरों को एकजुट होकर सड़क पर जन प्रतिरोध तेज करने का आहवान किया। आम हड़ताल मे जेएनयू मे छात्रों पर हुए हमले को प्रमुखता से उठाया जाएगा। इस अवसर पर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा(माले) जिला कमिटी सदस्य देवेन्द्र कुमार ने कहा कि देश के मजदूर-किसान, छात्र-नौजवान, अल्पसंख्यक समुदाय सब मिलकर तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र के पक्ष में सड़कों पर उतर चुके हैं. मोदी-अमित शाह की तानाशाही को अब यह देश बर्दाश्त नहीं करने वाला है. जेएनयू, जामिया, अलीगढ़ और देश के दूसरे अन्य विश्वविद्यालयों से लेकर खेत-खलिहानों व कारखानों में चलने वाली लड़ाई एकताबद्ध हो रही है, और मोदी-अमित शाह को पीछे हटने के लिए बाध्य करेगी. 21 दिसंबर के बिहार बंद के दौरान फुलवारी शरीफ में संघियों के हमले में मारा गया अमीर हंजला न केवल नौजवान था, बल्कि मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा था. जाहिर है कि आज हर तबका संघर्ष के मैदान में उतर गया है.
विरोध आंदोलनों पर हमला करने वाले और दंगा की साजिश रचने वाले लोगों को हम सब अच्छी तरह जानते हैं. दंगाइयों को चिन्हित करके उनका सामाजिक बहिष्कार करना होगा. बिहार की जनता से अपील है कि वे दंगा फैलाने वाली ताकतों से सावधान रहें, ऐसी ताकतों को हतोत्साहित करें, उनका विरोध करें और जनता की बन रही एकता को किसी भी कीमत पर टूटने नहीं दें । इस अवसर पर ऐक्टू के जिला प्रभारी डॉ उमेश प्रसाद साह ने कहा कि यह देशव्यापी आम हड़ताल मोदी सरकार की जन विरोधी नीति के खिलाफ यह आगाज भारतीय संविधान के मूल्य की रक्षा करते हुए लोकतांत्रिक समाज निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा। सभा की अध्यक्षता निर्माण मजदूर यूनियन के जिला सचिव भोला पासवान ने किया। सभा को मनोज महतो, विनोद भारती, किसान नेता शिवन यादव आदि ने सम्बोधि किया।