इंडिया न्यूज नाऊ/मोतिहारी/मधुरेश ।
पूर्वी चंपारण जिले के संग्रामपुर में ऑपरेशन के बाद हुई महिला की मौत से गुस्साए परिजनों एवं स्थानीय लोगों ने नर्सिंग होम में जमकर तोड़फोड़ की और वहां के उपस्करों को बीच सड़क पर रखकर आग के हवाले कर दिया। आगजनी करने के दौरान लोगों ने संग्रामपुर थाने के समीप वैशाली-अरेराज राजमार्ग को जाम कर दिया। इस दौरान देखते ही देखते लोगों का आक्रोश बढ़ने लगा। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय थानाध्यक्ष महेन्द्र कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे लेकिन लोगों की उग्रता को देखते हुए पुलिस बल को पीछे हटना पड़ा। यह घटना रविवार की रात घटित हुई है।बाद में चार थाने की पुलिस ने पहुंचकर मामले को शांत कराया तब जाकर सड़क जाम समाप्त हुआ।
मिली जानकारी के अनुसार संग्रामपुर थाना क्षेत्र के मठिया गांव की गर्भवती महिला का पथरी की शिकायत पर स्थानीय आयुर्वेदिक (बीएएमएस) डॉक्टर आर.के. तिवारी ने 24 दिसंबर 2019 को ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के छह दिन बाद महिला के पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। इतना ही नहीं महिला की स्थिति बिगड़ने लगी और रविवार को महिला की भी मौत हो गई।
*बीएएमएस को ऑपरेशन का अधिकार नहीं : सीएस*
इस संदर्भ में पुछे जाने पर जिले के सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद ने कहा कि बीएएमएस चिकित्सक को ऑपरेशन का कोई अधिकार ही नहीं है। उसने महिला का ऑपरेशन कैसे कर दिया। उन्होंने कहा कि जब कोई महिला गर्भवती हो तो किसी भी परिस्थिति में उसका ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है। डॉ.अहमद ने कहा कि बगैर निबंधन वाले निजी क्लिनिकों के विरुद्ध कार्रवाई के साथ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पीएचसी प्रभारी को पूर्व में ही पत्र भेज दिया गया है। ऐसे चिकित्सकों पर अबतक क्यों कार्रवाई नहीं हुई इसकी जांच की जाएगी।
खैर, जो हो जिले में कुकुरमुत्ते की तरह धड़ाधड़ खुल रहे नर्सिंग होम सस्ते इलाज के नाम आमलोगों खासकर गरीबों को लूटने का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं सस्ते इलाज के चक्कर में मरीजों की जान भी चली जा रही है। जिले भर में अबतक ऐसी कई मौतें हो चूकी है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।