अनुभव की बात,अनुभव के साथ
आज सुबह अखबार की सुर्खियां पढ़ रहा था कि “जलता शरीर लेकर एक किलोमीटर तक भागी दुष्कर्म पीड़िता, 90% झुलस कर गिर गई।”घटना उत्तर प्रदेश के उन्नाव की है।जहां एक दुष्कर्म पीड़िता गुरुवार सुबह अपने दुष्कर्म मामले की सुनवाई के लिए रायबरेली कोर्ट जा रही थी।रेलवे स्टेशन के पास ही उसके साथ दुष्कर्म के आरोपी ने चाकू से उसकी गर्दन पर हमला कर दिया और फिर आग लगा दी।जानकारी के मुताबिक आरोपी एक दिन पूर्व ही जमानत पर छूटकर आए थे।खबर पढ़कर दिल दहल गया।पीड़िता के दर्द की कल्पना से ही रूह कांप उठी।शर्म से सर नीचे हो गया कि हमारे हिन्दुस्तान में,जहाँ हम कई देवियों की पूजा करते हैं,ये दरिंदे कहां से आ गए ?
तभी किसी ने जानकारी दी कि हैदराबाद की डॉक्टर के साथ गैंगरेप और हत्या मामले के चारों आरोपियों को पुलिस ने मार गिराया है।जानकारी के अनुसार पुलिस चारों आरोपियों को लेकर जांच के लिए घटनास्थल पर गई थी।क्राइम सीन को रीक्रिएट किया जाना था।तभी आरोपियों ने वहां से भागने की कोशिश की और पुलिस बल पर पत्थरों से हमला कर दिया। अपने बचाव में पुलिसकर्मियों ने फायरिंग की,जिसमें चारों आरोपी मौके पर ही मारे गए।इस खबर को सुनकर दिल को थोड़ी तसल्ली हुई। दिल ने तेलंगाना पुलिस को सैल्यूट किया।इस खबर के फैलते ही पूरे देश में खुशियों की लहर फैल गई।दिनभर जितने भी लोग मिले इस खबर पर सबों ने खुशी जाहिर की।ये अलग बात है कि हो सकता है आने वाले समय में पुलिस की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाने वाले लोग भी मिल जाएँ,हो सकता है कि इस मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों को कल किसी जांच का सामना करना पड़े।लेकिन तेलंगाना पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई की जितनी भी तारीफ की जाए कम है।
पुलिस की कार्रवाई से पूरा देश खुश है,क्योंकि लोग हमारे देश की न्यायिक प्रक्रिया से निराश हो चुके हैं।हम देख रहे हैं कि दिल्ली के निर्भया कांड के अपराधियों को अब तक फांसी नहीं हो पाई है।जबकि घटना के सात साल गुजर चुके हैं।कल उन्नाव में हुई घटना में भी यदि अपराधियों को सजा दी जा चुकी होती तो ऐसा नहीं होता।हम देख रहे हैं कि उन्नाव में ही विधायक कुलदीप सेंगर ने किस तरह अपने ताकत का इस्तेमाल कर दुष्कर्म पीड़िता के पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया और पीड़िता को भी ट्रक से कुचलकर मारने की कोशिश की।हर कोई जानता है कि अपराधी कौन है।हमारे देश की धीमी न्यायिक प्रक्रिया की वजह से ऐसे अपराधी अब तक जिंदा हैं।पता नहीं कुलदीप सेंगर को सजा होगी भी या नहीं।क्योंकि अदालत सबूत और गवाह मांगता है।लेकिन क्या कुलदीप सेंगर जैसे अपराधी और राजनीतिक पहुंच वाले व्यक्ति के खिलाफ गवाह अदालत पहुंच पाएगा ?
हमारे देश की न्यायिक प्रक्रिया को एक बड़े बदलाव की आवश्यकता है। हर घटना के बाद विभिन्न सदनों में बैठकर दुख प्रकट करने और भाषण देने से कुछ नहीं होने वाला।यदि सचमुच हमें अपने बहनों,बेटियों की चिंता है,तो कानून बनाना होगा कि दुष्कर्म के अपराधियों को चंद घंटे के अंदर क्रूर से क्रूरतम सजा मिले। उम्मीद है,मात्र कुछ ऐसे अपराधियों की सजा को देखकर फिर कभी कोई ऐसी दरिंदगी करने की हिम्मत नहीं करेगा।