आशीष कुमार, इंडिया न्यूज़ नाउ पटना
राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आज से पुस्तकों का संसार सज गया। यह पुस्तक मेला 8 नवंबर से 18 नवंबर तक चलेगा। 11 दिवसीय इस मेला में का थीम पेड़, पानी और जिंदगी होगा।
इस बार के पुस्तक मेले में विशेष रूप से पर्यावरण पर जागरूकता के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मेला परिसर में स्थित सभागार और मंचों और प्रखंडों के नाम वृक्षों पर रखे गए हैं। इस प्रकार मेला परिसर में जो प्रखंड होंगे जिनके नाम नीम, सेमल, पलाश, गुलमोहर, कदंब तथा अशोक के वृक्षों के नाम पर हैं।
पटना पुस्तक मेला में पुस्तकों का संसार तकरीबन एक लाख वर्ग फुट में बसा है। इससे देशभर से आए हुए प्रसिद्ध प्रकाशक अपना स्टॉल लगाएंगे। मेले में पर्यावरण पर आधारित कार्यक्रम के साथ ही सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इस बार के मेले में जल पुरुष राजेंद्र सिंह सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर कलाकार ऊषा उत्थुप सहित बिहार के लगभग सभी बड़े साहित्यकार, कवि, पत्रकार, मेले में पुस्तक प्रेमियों से रूबरू होंगे। पुस्तक प्रेमी सुबह 11 बजे से रात 8:30 बजे तक मेले में पुस्तकों का आनंद ले सकेंगे।
सीआरडी के अध्यक्ष व लेखक रत्नेश्वर ने बताया इस बार भी पटना पुस्तक मेले में देशभर की चर्चित हस्तियां शामिल होंगी। कई बड़े साहित्यकार पत्रकार सामाजिक कार्यकर्ता मेले में आ रहे हैं। पुस्तक मेले में हर दिन साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियां होंगी। जनसंवाद कार्यक्रम में तपती धरती घटता पानी विषय पर जल पुरुष राजेंद्र सिंह, त्रिपुरारी शरण और मेहता नागेंद्र के बीच परिचर्चा होगी। गपशप कार्यक्रम में मेघा पाटकर के साथ पेड़ पानी जिंदगी पर बातचीत होगी। मेले में कविता और हमारा समाज विषय पर गंगा प्रसाद विमल,
अरुण कमल और मुकेश प्रत्यूष स्त्री नेतृत्व की देह बाधा पर सुधा सिंह, योगिता यादव एवं निवेदिता झा कथा वाचन का वर्तमान विषय पर डॉ उषा किरण खान, सलीम आरिफ और संतोष दीक्षित तो किन्नर समाज और साहित्य पर थर्ड जेंडर रवीना बरिया और रेशमा प्रसाद एवं दलित काव्य की दृष्टि विषय पर जयप्रकाश कर्दम मुसाफिर बैठा और करमानंद आर्य तथा साहित्य और धर्म विषय पर अब्दुल बिस्मिल्लाह तरुण कुमार और प्रेम कुमार मणि के साथ बातचीत होगी।