मसौढी़/पटना
रिपोर्टर- अरुण कुमार
इंडिया न्यूज नाउ
गांधी उत्सव में “गांधी चित्र प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों” के चौथे दिन मसौढ़ी के स्थानीय स्कूलों के द्वारा बच्चों को गांधी पर लगाई गई फोटो प्रदर्शनी का भ्रमण करवाया गया। सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने गांधीजी की फोटो प्रदर्शनी को देखा। मसौढ़ी के आसपास और दूरदराज से आए लोगों ने भी गांधी जी की जीवनी, संदेशों और विचारों पर लगाए गए फोटो प्रदर्शनी को देखा। इस दौरान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने उत्साह और ऊर्जा के साथ सवालों का जवाब दिया तथा सही जवाब देने वाले बच्चों व दर्शकों को मंच से पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। आज के कार्यक्रम का संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्री पवन कुमार ने किया। साथ ही क्षेत्रीय प्रचार सहायक श्री नवल किशोर झा एवं अमरेंद्र मोहन भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के चौथे दिन गांधी और स्वास्थ्य विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। आज के प्रथम वक्ता के रूप में मसौढ़ी के प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर के. राजन ने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में स्वस्थ रहकर ही कुछ कर सकता है और व्यक्ति के लिए सबसे जरूरी है कि अगर वह स्वस्थ रहना चाहता है तो सबसे पहले अपने आप को स्वच्छ रखें। गांधी जी का जीवनचर्या बेहद ही संतुलित और उच्च था। अगर हम गांधी जी के बताए मार्गों पर चलेंगे और नियमित दिनचर्या का पालन करेंगे तो हम भी हमेशा स्वस्थ रहेंगे।
दूसरे वक्ता के रूप में मसौढ़ी के प्रखंड कृषि पदाधिकारी श्री अजय कुमार ने कहा कि गांधी जिस राह पर चलने की सीख देते थे, वह आज के समय में परम आवश्यक हो गया है। गांधी के संदेशों और विचारों की प्रासंगिकता आज बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। गांधीजी की परिकल्पना की थी कि ग्राम तक सरकार की संस्थाओं का निर्माण किया जाए और यही वजह है कि पंचायती राज व्यवस्था का स्वरूप सामने आता है। उन्होंने कहा कि गांधीजी जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात करते थे। आज हमारे प्रधानमंत्री भी जन और मानव संकट को निजात दिलाने के लिए अग्रसर हैं । गांधी जी का भी यही सपना था कि ग्रामीण परिवेश में ही वे सारी सामग्री उपलब्ध हो जिससे कि मानव का विकास हो सके । व्यक्ति को पारंपरिक और ग्रामीण परिवेश की वस्तुओं का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद आवश्यक है
मसौढ़ी के प्रखंड अध्यक्ष रामाकांत रंजन किशोर ने गांधी और स्वास्थ्य विषय पर अपना संबोधन प्रस्तुत करते हुए कहा कि बापू आजीवन काली मिट्टी का प्रयोग करते थे। अगर हम पुराने जमाने के लोगों की बात करें तो वह भी मिट्टी से अपनी बालों को धुला करते थे। अगर गांधी के उस काली मिट्टी के प्रयोग को अगर आज हम अपने जीवन में उतारें तो हम बालों और अन्य बीमारियों को लेकर बेफिक्र हो सकते हैं। उन्होंने आगे बताया कि अगर हमारा विचार सकारात्मक होगा तब तक हम कभी भी बीमार नहीं पढ़ सकते हैं बल्कि हमेशा निरोग रहेंगे। व्यक्ति अपने नकारात्मक विचारों से ही अस्वस्थ रहता है।
श्री किशोर ने कहा कि गांधीजी प्राकृतिक चिकित्सा को महत्व दिया करते थे। वह प्रकृति की ओर लौटने की बात करते थे। गांधीजी ना के बराबर मीठा खाते थे और लोगों को भी मीठा नहीं खाने को सलाह देते थे। गांधीजी सफाई को लेकर सर्वप्रथम खुद ही झाड़ू और बेलचा उठाया तभी किसी अन्य को आगे आने को कहा। यही गांधी के संदेश हैं और हमें इस से सीख लेना चाहिए।
वक्ता के रूप में पत्र सूचना कार्यालय के सूचना अधिकारी श्री प्रशांत कक्कड़ ने बताया कि अगर वास्तव में हमें गांधी को जानना है तो हमें गांधी के बारे में पढ़ना होगा। बिना पढ़े हम गांधी को जान नहीं पाएंगे। यही वजह है कि बात चाहे सोशल मीडिया की हो या फिर किसी अन्य प्लेटफार्म की वहां गांधी के विचारों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है। मुझे लगता है क्योंकि लोग गांधी को ना ठीक से जानते हैं ना समझते हैं और ना उसे उन्हें पढ़ते हैं, यही वजह है की वो उनके बारे में जानकारी भी कम रखते हैं। गांधी को समझना है तो हमें गांधी को पढ़ना होगा।
कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों कभी आयोजन किया गया। सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। लोगों ने उत्साह के साथ कार्यक्रम का आनंद उठाया। आज कलाकारों की ओर से पोषण की महत्व पर प्रकाश डालते हुए नाटक का मंचन किया गया। कलाकारों ने बखूबी अपने अभिनय का प्रदर्शन करते हुए लोगों को पोषण संबंधी ज्ञान के बारे में जानकारी भी दी और उनका मनोरंजन भी किया।
यहां गांधी मैदान मसौढ़ी में आईसीडीएस स्टॉल पर आज बच्चों का वजन, लंबाई आदि की निगरानी जांच का आयोजन भी किया गया।