जितनारायण शर्मा,गोड्डा,झारखंड।
स्थानीय मधुबन होटल में स्वच्छ भारत मिशन गोड्डा के अंतर्गत सुजल एवं स्वच्छ गांव हेतु जिला स्तरीय तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।जिसमें कि आज दूसरा दिन था ।आईएण्ड सी कोऑर्डिनेटर मोहम्मद सनाउल अंसारी के द्वारा जिले से आए जलसहिया, मुखिया एवं स्वच्छताग्रही को ग्रुप डिस्कशन के माध्यम से सुजल और स्वच्छ गांव की विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया। उनके द्वारा बताया गया कि गांवों में कैसे अस्थाई और अच्छी गुणवत्ता वाले पानी और स्वच्छता सुविधाओं का विकास किया जाना जरूरी है । एवं गाँव मे सामुदायिक स्वामित्व विकसित किया जाना नितांत आवश्यक है। हर गांव में प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा नियमित रूप से शौचालय का उपयोग किया जाना चाहिए।उन्होंने सुजल और स्वच्छ गांव के चार घटकों को विस्तार पूर्वक बताया। जिसमें (1)सुरक्षित पेयजल आपूर्ति प्रबंधन, (2) ओडीएफ बनाए रखना,(3) ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन, (4) सहायक गतिविधियों पर चर्चा की गई। उनके द्वारा बताया गया कि अस्थाई जल एवं स्वच्छता सुविधाओं के आर्थिक लाभ क्या हैं आर्थिक लाभ के अंतर्गत उन्होंने बताया कि स्वच्छता से संबंधित बीमारियों का इलाज से जुड़े आर्थिक नुकसान को कम किया जा सकता है एवं श्रम योगदान भागीदारी में वृद्धि विशेषकर महिलाओं की होनी चाहिए। उत्पादकता में सुधार के माध्यम से आय बढ़ती है ।दूर या अपर्याप्त स्वच्छता सुविधाओं के कारण होने वाले समय और नुकसान की बचत होती है निम्न कार्यों के लिए सरपंच की भी भूमिका गांव में निम्न होनी चाहिए जैसे जल आपूर्ति और स्वच्छता की जरूरतों को पूरा करना ।मौजूदा सुविधाओं और योजनाओं की निगरानी करना।तकनीकी कर्मचारियों की मदद से नई सुविधाओं का प्रावधान करना। समान्य सफाई जल स्रोतों की सुरक्षा ,शौचालय के उपयोग और ठोस और तरल प्रबंधन की स्थिति का निरीक्षण और समस्याओं पर कार्रवाई करना।सभी संबंधित हितधारकों के लिए ग्राम स्तर पर आईआईसी गतिविधियों का नेतृत्व करना ।पानी और स्वच्छता सुविधाओं के निर्माण और रखरखाव के लिए समुदाय को ट्रिगर करना ।पारदर्शिता के लिए ऑडिट प्रक्रिया और खाते की समीक्षा निरंतर करते रहना चाहिए।
मौके पर सुंदरपहाड़ी प्रखंड के कनीय अभियंता श्री सुरेश प्रसाद यादव, पेय जल स्वच्छता प्रमंडल के अकाउंटेंट श्री चंद्र भूषण मिश्र एवं जलसहिया एवं मुखिया उपस्थित थे।