संजीव मिश्रा,वरीय संपादक ।
नाथनगर विधानसभा क्षेत्र से……………….
नाथनगर विधानसभा उपचुनाव में हम प्रत्यासी अजय रॉय का जनता से कनेक्ट होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां दूसरे तरह अन्य प्रत्याशी सिक्कों से तौला जा रहे हैं वहीं आज विजय पताका फहराने का आशीर्वाद बुजुर्ग मतदाता उनको दे रहे ।
अजय रॉय ने पत्रकारो से बातचीत के दरम्यान कहा कि:
विकास करने की जिम्मेदारी हमारी है जब जनता हम पर इतना विस्वास दिखा रहे हैं तो मेरी जवाबदेही भी बढ़ती जा रही है।आज
पूरा समाज उनके साथ खड़ा है नाथनगर विधानसभा उपचुनाव में लड़ाई काफी रोचक होते जा रही है ।
हम उम्मीदवार अजय रॉय के लोगों ने बढ़ चढ़कर जनसमर्थन जुटाना शुरू कर दिया है । बुधवार को संतोष कुमार सुमन भी प्रचार प्रसार में नाथनगर विधानसभा क्षेत्र पहुचे। ज्ञात हो कि हम के राष्ट्रीय अध्य्क्ष जीतनराम मांझी,वीआईपी अध्य्क्ष मुकेश साहनी, पूर्व मंत्री बुहार सरकार तक लागातर केम्प कर चुके हैं प्रत्यासी अजय रॉय को जिताने के लिए।
इस बार आगड़ा पिछड़ा कंबीनेशन के बल पर नाथनगर में इस बार टेलीफोन को जिताने की पूरी तैयारी की जा चुकी है।
अजय रॉय को स्थानीय उम्मीदवार होने के साथ – साथ क्षेत्र में सक्रिय होने का भी फायदा होता नजर आ रहा है। ज्ञात हो कि वे वर्त्तमान में ख़िरीवान के मुखिया भी है । दूसरी तरफ जदयू भाजपा के आपसी खींचतान के कारण भी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के हौसले बुलंद है।
अजय रॉय के पक्ष में महिलाओं के जत्थे पूरे क्षेत्र में भ्रमण कर रही हैं । उनका वोट मांगने का निराला अंदाज लोगों को काफी भा रहा है।
जीतनराम मांझी का दौरा अजय रॉय के स्टार प्रचारक के रूप में रहा ,जाते जाते जनता के मिजाज को बदलने में कामयाब रहे जीतनराम मांझी,मुकेश साहनी ।
अजय रॉय लोगों से अपील कर रहे हैं अब जबकि चुनाव प्रचार में महज 3 दिन का समय बच गया है क्षेत्र में अजय रॉय का सघन जनसंपर्क अभियान और तेज हो गया है ।
बूथ स्तर पर कमेटियों का गठन किया गया है मुस्लिम यादव पिछड़ा अति पिछड़ा और स्वर्ण वोटरों को गोल बंद करने के लिए पूरी ताकत जोख दी है।
इस बार की लड़ाई को हम के अजय रॉय ने अपने मान सम्मान की लड़ाई से जोड़ रखा है, अपने किये गए विकास कार्य के बदले लोगों से वोट मांग रहे हैं ।
इस लड़ाई में उन्हें अपराधी तत्वों और क्षेत्र के विकास को अवरुद्ध करने वाले लोगों को हराना है । बरहाल जो भी हों वोटिंग को अब 72 घंटे का समय शेष रह गया है, अब देखना है कि जनता किस ओर करवट बदलती है ये तो 24 को मतगणना के पस्चात ही पता चलेगा ।