गौरीशंकर मिश्रा, बाढ़ ।
पटना जलजमाव से मुक्त हुआ नहीं और पुनपुन में आई बाढ़ ने पटनावासियों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। पुनपुन नदी पर बने रेल पुल के गार्डर पर पानी चढ़ने से पटना-गया रेल रूट पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है। इससे पटना से गया के बीच रेल संपर्क टूट गया है।
इसके अलावा बख्तियारपुर-राजगीर रूट पर भी बेना के पास ट्रैक पर पानी चढ़ने से ट्रेनों का परिचालन अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। ट्रैक के निरीक्षण के बाद रेलवे ने गुरुवार शाम से पैसेंजर और एक्सप्रेस सभी तरह की ट्रेनों का परिचालन बंद करने का निर्णय लिया है। इस कारण पटना से जहानाबाद, गया होकर रांची, धनबाद, बनारस जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
वहीं, बख्तियारपुर से राजगीर आने-जाने वाले को सड़क मार्ग से जाना पड़ा। दानापुर मंडल के पीआरओ संजय कुमार प्रसाद ने बताया कि ट्रैक से पानी उतरने के बाद ही इन दोनों रूटों पर ट्रेन सेवा शुरू होगी।
गुरुवार शाम छह बजे पुनपुन का जलस्तर 53.60 मीटर हो गया था। वर्ष 1976 के बाद नदी का जलस्तर इतना ऊपर गया है। तब जलस्तर 53.91 मीटर हो गया था, जो अब तक रिकॉर्ड है।
1976 में पटना में मचाई थी तबाही
वर्ष 1976 में पुनपुन से आई बाढ़ ने पटना में तबाही मचाई थी। इस बार भी बाढ़ का पानी रिंग बांध के ऊपर से बहकर पटना सुरक्षा बांध तक पहुंच गया है। इससे दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं। जिन गांवों में पानी घुसा है, वहां के लोग बांध, एनएच और अन्य ऊंची जगहों पर रह रहे हैं।
सुरक्षा बांध पर खतरा नहीं
हालांकि प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा बांध पर कोई खतरा नहीं है। स्थिति को देखते हुए डीएम कुमार रवि और एसएसपी गरिमा मलिक ने रिंग बांध और पटना सुरक्षा बांध का जायजा लिया। जल संसाधन विभाग के इंजीनियर रिंग बांध पर कैंप कर रहे हैं। पालीगंज, धनरुआ, पुनपुन में नाव के साथ एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई है।
राजेंद्रनगर में अब भी जलजमाव
पटना के मोहल्लों से पानी कम हो रहा है। छत्तीसगढ़ और झारखंड से आए पंप और पटना के संप हाउस चलने से पानी उतरने लगा है। हालांकि राजेंद्रनगर, बाजार समिति, कदमकुआं, पाटलिपुत्रा कॉलोनी में अब भी चार से पांच फुट तक पानी है। बाइपास और बेली रोड की कई कॉलोनियों में भी जलजमाव है।