संजीव मिश्रा, वरीय संवाददाता
इंडिया न्यूज नाउ
सबौर,भागलपुर ।
ज्ञात हो कि भागलपुर जिले अंतर्गत सबौर प्रखंड के कई गांव में बाढ़ का पानी विकराल रूप धारण कर चुका है। लोगों के घरों में पूरी तरह पानी भर चुका है । सबौर प्रखंड अंतर्गत, गोविंदपुर चौका, मिराचक, बाबूपुर मोड़, मदलित हरिजन टोला आदि गाओ में भीषण रूप धारण कर चुका है । बाढ़पीड़ितों को स्थानीय जिलाप्रशासन की ओर से कोई राहत कार्य नहीं मिल पा रहा है, साथ ही कोई रिलीफ केम्प भी नही चल रहा है,जिससे बाढ़पीड़ितों में भारी आक्रोश वयाप्त है।
इसी आक्रोश का गुस्सा आखिरकार मंगलवार को फूटा। पीड़ितों ने मंगलवार सुबह 10 बजे से इंजिनयरिंग कॉलेज के पास एनएच80 को पूरी तरह जाम कर दिया । जिससे राहगीरों को भारी परेसानी झेलना पड़ा।
हद तो तब हो गयी कि यह जाम खबर लिखे जानेतक तकरीबन 9.30 बजे तक जारी रहा मगर प्रशासन की ओर से किसी ने भी जाम को तुड़वाने की कोशिश नही की गई।
जब अंचलाधिकारी सबौर भोसकी झा से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन बजता रहा मगर रिसीव नही हुई ।
सबसे बड़ा बात यह है कि सरकार के सारे दावे फ्लॉप सावित हो गए जो उन्हीने कहा अर्थात बिहार सरकार ने की बाढ़ की पूरी तैयारी कर ली है।
आजतक राहत कार्य केवल कागजो पर चल रहे ,जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं।
जब हमने स्थानीय मिराचक निवासी सोभन मंडल से बात की तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि बाढ़पीड़ितों में आक्रोश है तो वह जायज है उनके घर जलमग्न हो चुके है वो सड़को पर रहने को मजबूर हैं ,आखिर खाने को क्या है कुछ भी नहीं, छोटे बच्चे बूख से तिलमिला रहे हैं ।
आखिर क्या स्थानीय जिलाप्रशासन की जवाबदेही नही बनती है किपीड़ितों के हाल को अपने संज्ञान में ले और आवयश्क राहत कार्य को शुरू करे ।
ज्ञात हो कि जिलामुख्यालय से कहलगांव सड़क मार्ग भंग हो चुका है, बावजूद सुध लेने वाला कोई नहीं।
खबर लिखेजाने तक पीड़ितों ने एनएच80 को जाम से मुक्त नहीं किया था ।