इंडिया न्यूज नाऊ/मोतिहारी/मधुरेश प्रियदर्शी ।
” यूं हीं नहीं मिलती राही को मंजिल, एक जुनून सा दिल में जगाना होता है.”………
इस शायरी को चरितार्थ कर दिखाया है पूर्वी चंपारण के जिला मुख्यालय मोतिहारी की होनहार बेटी अनुभा स्वरूप ने.जल्द ही अनुभा इलेक्ट्रिक ट्रेन को सरपट दौड़ाएगी. बतौर इलेक्ट्रिक लोको पायलट वह अपनी सेवाएं भारतीय रेल को देने जा रही है. जिला मुख्यालय मोतिहारी के बेलबनवा वार्ड संख्या-22 के स्व. संजीव स्वरूप की पुत्री अनुभा ने हाल ही में रेलवे की प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हासिल किया है. सहायक रेल चालकों के पैनल में 27 महिलाएं शामिल हैं. इन रेल चालकों के पैनल में अनुभा स्वरुप का भी नाम शामिल है. धनबाद रेल मंडल के कार्मिक विभाग की ओर से कागजातों की जांच एवं अन्य प्रक्रियाओं के बाद अनुभा को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा. वह जोनल रेलवे ट्रेनिग स्कूल भूली और ईटीटीसी मुगलसराय एवं आसनसोल के प्रशिक्षण केंद्रों पर विभिन्न चरणों का प्रशिक्षण लेने के बाद पायलट बनकर रेलवे में अपना योगदान देगी. बचपन से ही ट्रेन चलाने की इच्छा रखने वाली अनुभा का कहना है कि जब मंगल मिशन एवं चंद्रयान-2 में महिलाएं शामिल हो सकती हैं तो मैं ट्रेन क्यों नहीं चला सकती. अनुभा ने अपनी उपलब्धि का श्रेय मां अनिता स्वरुप, दादी शोभा देवी एवं चाचा संदीप स्वरूप को दिया है. अनुभा ने प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से हासिल की है. उसने बीटेक की परीक्षा बीबीडी इंजीनियरिग कॉलेज गाजियाबाद से पास की है. अनुभा के पिता संजीव स्वरूप सिचाई विभाग में कार्यरत थे. वर्ष 2003 में कार्यालय से वापस लौटने के दौरान सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी. पिता की मौत के बाद पारिवारिक स्थिति दयनीय हो गई थी. फिर भी अनुभा ने हिम्मत नहीं हारते हुए अपनी पढ़ाई को जारी रखा. वर्ष 2008 में मां को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिली तो परिवार की गाड़ी ठीक-ठाक चलने लगी. उसके बाद अनुभा ने प्रतियोगी परीक्षाएं दी और लोको पायलट की परीक्षा में सफलता हासिल कर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया. अनुभा को मिली सफलता के बाद उसके मोहल्ले में हर्ष का माहौल है.सीमित संसाधनों के बीच अनुभा को मिली सफलता से जिले की लड़कियों को प्रेरणा लेने की जरूरत है.