(अनुभव की बात,अनुभव के साथ)
आज विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस है, और पूरी दुनिया में आज यह दिवस मनाया जा रहा है।प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का उद्देश्य है।हम देख रहे हैं कि प्राकृतिक संसाधनों के खत्म होने से पूरी दुनिया विनाश के कगार पर खड़ी है।हाल ही में हमने देखा कि बिहार में चमकी बुखार(ए ई एस) और लू से सैकड़ों लोगों की जान चली गई। जानकारी के मुताबिक लू ने उन्हीं जगहों पर अपना तांडव किया,उन क्षेत्रों में ‘लू’ से सबसे अधिक मौतें हुई, जहां हरियाली का घोर अभाव था। चमकी बुखार की भी एक महत्वपूर्ण वजह भीषण गर्मी का होना है।हम देख रहे हैं की पिछले कुछ वर्षों से धरती का तापमान धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है।बारिश के कम होने से धरती का जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है और जानकारी के मुताबिक राजधानी पटना और आसपास के इलाकों में भूजल स्तर 40 फीट तक नीचे चला गया है।पर्यावरण में फैल रहे प्रदूषण की वजह से हम और हमारी अगली पीढ़ी विभिन्न स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से जूझ रही है सो अलग।
ऐसा नहीं है कि इन सारी समस्याओं के पीछे की वजह हमें मालूम नहीं है। हम सब जान रहे हैं कि इन सारी समस्या की वजह क्या है और इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं।हम सब इस समस्या के लिए जिम्मेदार हैं।हम में से ऐसा कोई नहीं जो इस समस्या की जिम्मेदारी से खुद को बचा सकता है।हम सब समस्याओं का रोना तो रोते हैं परंतु दूर करने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं करते।
समाधान बिल्कुल आसान है।हमें सिर्फ अधिक से अधिक पेड़ लगाना है और लोगों को पेड़ लगाने और उसे बचाने के लिए जागरूक करना है।अधिक से अधिक पेड़ लगाकर हम एक साथ इन सारी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।पेड़ हमें कड़ी धूप में ममता की छांव देता है,मरते को ऑक्सीजन देता है,अधिक बारिश होने में सहायक होता है,जमीन के जल स्तर को बढ़ाता है,विभिन्न प्रकार की दवाइयां और फल देता है,शुद्ध हवा देता है और सबसे बड़ी बात कि हमें शांति और सुकून देता है।हमने देखा भी है और यह गौर करने वाली बात है कि पहाड़ी इलाकों पर जहां काफी अधिक मात्रा में पेड़ पौधे लगे हैं,वहां के लोग काफी सुकून और शांति की जिंदगी जीते हैं।मैं तो यहां तक कहता हूं कि वर्तमान समय में पेड़ ही भगवान का रुप हैं।जो हमें सब कुछ प्रदान करते हैं।
तो देर किस बात की,आइए,आज हम सब संकल्प लें कि हम पेड़ों सहित तमाम प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करेंगे और अधिक से अधिक पेड़ लगाएंगे।ऐसा हम किसी और के लिए नहीं,खुद के भले के लिए करेंगे,अपनी आने वाली पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए करेंगे।