अमित कुमार झा, इंडिया न्यूज नाउ।
रजोंन, बांका।
अपना शहर में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा हैं. रजौन आरटीपीएस कार्यालय में आये दिन हंगामा होता रहा हैं. हंगामे का मुख्य उद्देश्य अवैध पैसे उगाही है।
स्थानीय लोगों का कहना हैं कि:
जाति आवासीय, मुख्यमंत्री वृद्धा पेंशन योजना चाहे किसी भी प्रकार का आवेदन जमा करने के लिए भोले-भाले आम जनता से 200/रूपये की मांग की जाती हैं तभी आपका काम होगा.
इसी को लेकर रजौन आरटीपीएस काउंटर पर हर एक समय घूस लेने के नाम पर जमकर बवाल होते रहती हैं.
वहीं दूसरी ओर समस्त रजौन प्रखंड वासियों का कहना हैं कि आरटीपीएस काउंटर पर जितने भी लोग बैठते हैं सिर्फ एक ही मकसद रहता हैं कि पैसे की उगाही करना. अगर आप पैसे नहीं देंगें तो आपका काम नहीं होगा. उल्लेखनीय इस बात की हैं कि बीते दिनों गुरूवार को भी आरटीपीएस काउंटर पर पैसा लेन-देन के कारण आरटीपीएस वाले और आम पब्लिक में जमकर नोकझोंक भी हुई. मामला पूरे प्रखंड में तेजी से फैल गई.
मामला अंतत: वही निकला आरटीपीएस काउंटर वाले पैसा की मांग कर रहे थे.
प्रखंड मुख्यालय के इर्द-गिर्द जितने फॉर्म विक्रेता हैं सभी आरटीपीएस वालों का दलाल माना जाता हैं. जो आवेदन कर्ता से मोटी रकम लेकर आरटीपीएस वालों को कुछ हिस्सा देकर काम करवा लिया जाता हैं.
ऐसे सभी पंचायत अंतर्गत से सैकड़ों की संख्या में आरटीपीएस काउंटर वाले दलाल खड़ा कर रखे हैं. जिससे बहुत बार कहासुनी भी हुई. कुछ सफेदपोश के संरक्षण मिलने से आरटीपीएस काउंटर वालों की बल्ले-बल्ले हैं.
वहीं दूसरी ओर प्रखंड मुख्यालय के इर्द-गिर्द से ही सुर्खियों में रहा हैं कि आरटीपीएस काउंटर वाले महिना देकर कुछ दलाल को खरीदकर मिलाकर रखे हैं जिससे काली करतूत का अंजाम दिया जा रहा हैं. यह धंधा पूरे प्रखंड में जोर-शोर से चलने लगा हैं. “अंधा गुरू बहरा चेला” की शर्त पर सब कुछ हो रहा हैं. आखिर इस अभियान से मुक्ति कब मिलेगी. सज्जनों के बीच यह चर्चा गहमागहमी के साथ चारो ओर हो रही हैं.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि,
आरटीपीएस काउंटर में जो इतना गोरख धंदा चल रहा है किसके सह पर ?निश्चित रूप से कहीं ना कहीं इन्हें अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होगा तभी ये अपने हिसाब से यहां गोरख धंदा चला रहे हैं और पैसे की उगाही कर रहे हैं।