Intro गुजा सिंह पर लगा आरोप साबित होने पर अपर सत्र न्यायाधीश द्वितिय अनिल कुमार पांडेय की अदालत ने सुनाया फैसला
बद्रीप्रसाद गुप्ता, लातेहार।
वर्ष 2015 में बरवाडीह थाना क्षेत्र के लेदगाई ग्राम में घटी थी घटना
तीन आरोपियों में एक नाबालिग घोषित, दूसरा असत्यापित तीसरे को सजा
अदालत में पीड़िता ने कहा था असहनीय पीड़ा दिया है गुजा सिंह ने
अदालत ने पीड़िता को क्षति पूर्ति राशि का भुगतान का आदेश सरकार को दिया
लातेहारः जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वितिय अनिल कुमार पांडेय की अदालत ने एक चर्चित मामलें में अपना फैसला सुनाते हए गैंगरेप के आरोपी गुजा सिंह उर्फ योगेंद्र सिंह को 21 वर्षो का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपये जुर्माना की सजा सुनाया है। घटना 22 सिंतबर 2015 को बरवाडीह थाना क्षेत्र के ग्राम लेदगाईं की है जब एक 70 वर्षीया वृद्धा अपनी बेटी की घर से अपने घर वापस जा रही थी। पीड़िता के ब्यान पर दर्ज बरवाडीह थाना कांड संख्या 76/2015 के अनुसार जैसे ही वह पीपराडीहा नाला के पास पहुंची मोटरसाईकिल पर सवार तीन युवको ने उसे जबरन पकड़ लिया तथा एक पेड़ के नीचे पटककर उसकी हाथ बांधकर उसके साथ छेड़छाड़ करने लगे जब वह काफी आरजू-मिन्न्त करते हुए छोड़ने की अपील कि तो एक युवक दीपक सिंह वहां से चला गया तथा गुजा सिंह उर्फ योगेंद्र सिंह एवं चुनमुन सिंह ने उसके साथ जबरन मुंह काला किया वह दर्द से कराहते रही और उसे छोड़कर वे भाग गये। आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज था तभी से गुजा सिंह जेल में था। एक अन्य आरोपी को नाबालिग घोषित होने के उपरांत गत 20 मई 2016 को वाद पृथक करके जेजे बोर्ड को भेज दिया गया था। विचारण के दैरान किशोर को तीन वर्षो के लिए रिमांड होम में भेज दिया गया था, जबकि गुजा सिंह का विचारण सत्र वाद संख्या 182/2016 के तहत श्री पांडेय की अदालत में विचारण हो रहा था। प्रभारी लोक अभियोजक बलराम साह ने मामलें में तत्कालीन अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कौशिक मिश्रा समेत कुल नौ गवाहों को पेश किया था। मेडिकल रिर्पोट मे डा0 धर्मशीला चैधरी ने बलात्कार की पुष्टि नहीं किया था जबकि पीड़िता ने बलात्कार की बात अदालत में बताया था। धारा 164 दप्रसं के तहत पीड़िता का ब्यान दर्ज करने वाले न्यायिक पदाधिकारी कौशिक मिश्रा ने अपनी गवाही में पीड़िता का ब्यान को सही ठहराया था। गवाहों एवं पीड़िता का ब्यान के अधार पर अदालत ने आरोपी को भादवि की धारा 376 (डी) (गैंगरेप) का दोषी पाया तथा 21 वर्षो का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपये जुर्माना की सजा मुकर्रर किया। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में देाषी को एक वर्ष अतिरिक्त कारावास में रखने का आदेश पारित किया है। अदालत ने पीड़िता को मुआवजा देने का भी आदेश पारित किया है। खचाखच भरी अदालत में श्री पांडेय ने दोषी को सजा का एलान किया।