अरुण कुमार गुप्ता, धोरैया, बांका।
लोकसभा चुनाव के पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धोरैया के बटसार में उद्धघाटन व आमसभा कार्यक्रम को लेकर पचबिगिचा में लगे फसल सहित आसपास खेतों के फसल को पदाधिकारीयों द्वारा किसानों को फसल क्षति के बदले मुआवजा का संत्वना देते हुए किसानों के खेतों में लगे गेंहू, प्याज,गोभी आदि के फसल को क्षतिग्रस्त कर आमसभा मैदान व हेलीपैड का निर्माण कार्य कराया गया था। लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी किसानों को पदाधिकारीयों द्वारा अबतक संत्वना के अलावे कुछ नही मिला है।
किसान रामसुरेश साह, उमाशंकर मिश्र, श्रीराम मिश्र, सीताराम मंडल, पाचू दास, मुसो दास, इंदू गुप्ता आदि ने बताया की 5 मार्च को मुख्यमंत्री कार्यक्रम को लेकिन स्थानीय से लेकर जिला पदाधिकारी द्वारा फसल नुकसान के बदले उचित मुआवजा देने की बात कही गई थी। साथ खेतों के मेड़ को भी काटकर समतल कर दिया गया है, वहीं आवागमन एवं हेलीपैड बनाने के लिए ईट पत्थर का उपयोग किया गया। लेकिन मुख्यमंत्री का कार्यक्रम स्थगित होने के बाद ईट ,पत्थर को खेतों में ही छोड़ दिया गया है। जिससे हम किसानों परेशान है।किसानों ने बताया कि एक तो फसल को उजाड़ दिया गया तो वही खेत के मेंड़ को काट कर समतल कर दिया गया।जिससे हम किसान खतोें का सीमांकन नही कर पा रहे है। खेतों में ईट पत्थर रहने के कारण इस वर्ष हमलोग धान की बुआई कैसे करेगें।
किसान इस कार्य को अगर स्वयं करते है तो एक फसल का नुकसान तो दूसरी ओर स्वयं पर सीमाओं के निर्माण और अमीन से मापी करवाने का आर्थीक बोझ उठाना पड़ेगा।
इस संबंध में अंग किसान मार्चा के संस्थापक कौशल कुमार सिंह ने कहा की ये किसानों के साथ नाइंसाफी है किसानों का मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए। ऐसे ही किसान एक माह के अंदर कई बार आई आंधी, वारीश, तुफान के दौरान वर्फवारी से अन्य किसानों के फसल को नुकसान पहुंच चुका है।