इंट्रो :उमवि कौआहा के एचएम ने इस मामले पर थाना सहित जिला के विभागीय पदाधिकारी को दिया सूचना
27 महीने जेल व भगोड़ा रहे पंचायत शिक्षक का अवैध तरीके से गांव के विद्यालय में करवाया योगदान
*प्रवीण ठाकुर* इण्डिया न्यूज़ नाउ
बासोपट्टी (मधुबनी)
प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कौआहा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में एक अपराधी शिक्षक का अवैध तरीके से जबरन योगदान करवाने का मामला प्रकाश में आया है।इसको लेकर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो.शाबिर ने दिनांक 7 मई को जिला पदाधिकारी के पास लिखित आवेदन के माध्यम से शिकायत किया।दिए गए आवेदन के माध्यम से बताया गया कि दिनांक 3 मई को जब मो.शाबिर विद्यालय पहुंचे तो उन्होंने देखा कि गांव के ही छोटे झा और अपराधी शिक्षक कपिल झा विद्यालय में पहले से बैठा हुआ था।उनके पहुंचने के साथ ही कपिल झा ने विद्यालय में योगदान लेने के लिए पूर्व के बीईओ विजय चंद्र भगत जिनका वर्तमान में पदोन्नति हो गया है और अभी दरभंगा में डीपीओ के पद पर कार्यरत है।उनके द्वारा योगदान लेने का चिट्ठी उनके हाथ मे दिया।पूर्व के बीईओ का पत्र देख एचएम ने योगदान लेने से मना किया कर दिया।जिस पर विद्यालय में मौजूद स्थानीय ग्रामीण ने जबरदस्ती उनसे आलमीरा का चाभी छीन कर शिक्षकोपस्थिति पंजी निकाला और उसमें 1 सितंबर 2018 से लेकर 3 मई 2019 तक का उपस्थिति दर्ज करवाया।मना करने पर जान से मारने की धमकी दिया।उनलोगों ने पूर्व के बीईओ से दूरभाष पर एचएम की बात कराई जिसमे बीईओ ने उक्त शिक्षक का बेक डेट से योगदान लेने की बात बताई।एचएम की माने तो उनका कहना हुआ कि वर्तमान में बीईओ नवीन कुमार ठाकुर है।ऐसे में पूर्व के बीईओ द्वारा दिए गए चिट्ठी पर योगदान कैसे ले।प्रभारी प्रधानाध्यापक ने विद्यालय समय समाप्त होने के बाद बीआरसी कार्यालय पहुंच कर बीआरपी को मामले से अवगत कराते हुए बीआरसी बीडीओ व थाना को लिखित आवेदन देकर उक्त लोगो पर कानूनी कार्रवाई की मांग किया।लेकीन प्रखंड क्षेत्र में उक्त लोगो का दबदबा होने के कारण शिक्षक द्वारा 3 मई को थाना में आवेदन दिए जाने के बावजूद प्राथमिकी दर्ज नही किया जा सका।इस मामले पर एचएम मो.शाबिर से दूरभाष पर पूछे जाने के बाद उन्होंने बताया कि थाने को आवेदन दिया लेकीन थाना ने कोई कार्रवाई नही किया।मुझे डराया गया जिसके बाद मुझसे सीआरसी द्वारा दिग्भ्रमित करने की बात लिखित में दिलवा कर थाना बीडीओ व बीआरसी से आवेदन वापस लेने के लिए दुबारा आवेदन करवाया गया।थाना का सहयोग नही मिलने के कारण व जान से मारने की पूर्व में दिए गए धमकी के डर से आवेदन वापस लेना पड़ा।बतादे की प्रखंड में फर्जी तरीके से शिक्षकों की बहाली का खेल दबंगता व राजनीतिक पहुंच के कारण जोरो पर है।कई विद्यालयों में अवैध तरीके से बीईओ व कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा शिक्षकों का योगदान करवाया जा चुका।उसमे से कई मामले को लेकर सम्बंधित ग्रामीण डीएम को शिकायत कर चुके है।इस मामले में भी बीईओ सहित जिला के कुछ पदाधिकारी का अहम भूमिका है।क्योंकि उक्त विद्यालय में जबरन योगदान करवाये जाने वाले शिक्षक हत्या की कोशिश करने के मामले में 27 महीने जेल की हवा खा चुका है।फिलहाल हइकोर्ट में अपील करके बेल पर बाहर है।दूसरी बात आरोपित शिक्षक का प्रथम योगदान पंचायत शिक्षक के रूप में उमवि जोंकी में हुआ था।आपराधिक मामले के बाद से अब तक करीब दस वर्ष बीतने के बावजूद अपने मूल विद्यालय में उन्होंने अपना योगदान नही किया।मूल विद्यालय को छोड़ प्रखंड के दूसरे विद्यालय में पहुंच कर बेक डेट से योगदान करना और अपनी उपस्थिति दर्ज करना शिक्षक व शिक्षा विभाग पर सवालिया निशान खड़ी करता है।इस मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि आरोपित शिक्षक को विभाग के द्वारा सितंबर 2018 से मार्च 2019 तक का वेतन भुगतान भी कर दिया गया है।शिक्षा विभाग में माफियाओ की कमी नही है।बासोपट्टी प्रखंड के साथ साथ हरलाखी मधवापुर प्रखंड में सेकड़ो फर्जी शिक्षक का खुलासा हो चुका है।उक्त मामले पर डीपीओ स्थापना राजेश सिन्हा से पूछने पर उन्होंने बताया कि बीईओ बासोपट्टी से इस मामले पर जवाब मांगा गया है।मामले पर उचित कार्रवाई की जाएगी।दूसरी और आरोपी शिक्षक ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोप को निराधार बताया।