अमित कुमार झा, इंडिया न्यूज नाउ
रजोंन/ बांका ।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आज सोमवार को सती-सावित्री की वट पूजा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. वट सावित्री को लेकर बाजारों में काफी चहल-पहल देखी गई. पति की लंबी आयु के लिए मनाया जाने वाला वट सावित्री आज पूरे प्रखंड क्षेत्र में पारंपरिक तरीके से मनाया गया. सुहागिनों ने लंबे समय तक उपासना कर वट वृक्ष के समक्ष विधिवत पूजा-अर्चना की और अपने-अपने पति के लिए दीर्घायु जीवन की कामना की. वट सावित्री पर्व ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन मनाया जाता हैं. वट सावित्री की पूजा अर्चना को लेकर प्रखंड क्षेत्र के सभी वट वृक्ष पर दिन भर भीड़ लगी रही.
हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत का काफी महत्व हैं. वट सावित्री की पूजन कर स्त्रियां सौभाग्य की प्राप्ति और लंबी आयु की कामना के लिए करती हैं. सुबह से ही व्रती महिलाएं पूजा सामग्री बांस का पंखा, लाल या पीला धागा, धूपबत्ती, सिंदूर, लाल कपड़ा, पांच फल, फूल, अक्षत आदि लेकर वट की पूजा करती दिखी.
वट सावित्री-पूजा को लेकर सिंहनान, रजौन, ढ़ाकामोड़, बांका, अमरपुर बाजारों में काफी चहल-पहल देखी गई. आज सुबह से ही सुहागिन महिलाएं उपवास कर नये परिधानों में पूजा सामग्री लेकर वृक्ष के पास पहुंची और वट सावित्री के पावन अवसर पर अनुष्ठान में शामिल हुई. वट वृक्ष की पूजा से घर में सुख, शांति, और धनलक्ष्मी भी आती हैं. कहा जाता हैं कि वट सावित्री व्रत में वट यानि बरगद के पेड़ की पूजा की जाती हैं. वट सावित्री की पूजा को वर्षाति पूजा भी कहा जाता हैं. आज के पूजा के बाद से वर्षात के आगमन का संकेत मिल जाता हैं.