आशीष कुमार, इंडिया न्यूज़ नाउ।
पटना ।वट सावित्री व्रत विवाहित महिलाओं के लिए करवा चौथ जैसा महत्त्व रखता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावित्री नामक विवाहिता राजकुमारी ने अपने अल्पायु पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा के लिए यह व्रत रखा था। कथा के अनुसार सावित्री यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस ले आई थी। इस व्रत में कुछ महिलाएं फलाहार का सेवन करती है तो वहीं कुछ महिलाएं निर्जल उपवास रखती है। आज सुबह से ही महिलाएं उपवास कर नए परिधानों में पूजा सामग्री लेकर वृक्ष के पास पहुंची और वट सावित्री के पावन अवसर पर अनुष्ठान में शामिल हुई। महिलाओं ने वृक्ष को अपने लाल धागे से बांधा और बृक्ष के चारों ओर 7 बार चक्कर लगाकर ईश्वर से अपने पति की लंबी आयु की प्रार्थना की घर पहुंच कर सुहागिनों ने पति को शीतल जल पिलाया और पैर छूकर आशीर्वाद लिया। आज सुबह से ही पटना में वटवृक्ष के पास काफी भीड़ देखी गई कुछ महिलाओं ने अपने घरों के छत पर वट वृक्ष का पेड़ लेकर पूजा की। आज विवाहित महिलाओं के चेहरे पर त्याग एवं उत्साह की लहर देखी जा रही है जो अपने लिए कुछ भी नहीं लेकिन पति के लिए सब को समर्पित करती है।